हथेली के सारे रंग,
मल देना मेरे चेहरे पर,
दिखाई में आती रहे तो बस
उगी हुई आँखें,
उठा लेना कांधों से ऊँचा मुझे,
की
चटका सकूँ दागिल एक ख्वाहिश
और
अटका दूँ तुम्हारे माथे.
सुनो न,
करना कुछ ऐसा
कि,
संस्कार के अंतिम क्षणों में,
बंद लगाना
काले धागे से
पैरों के दोनों अँगूठों में ,
धागे के सिरों को
पकड़
ज़ोर से कसना,
बचा न रह सके
कोई भी रास्ता
कहीं उभरने का ,
चन्दन, फूल , कपूर,
हिय-आस
सब दहका एक साथ देना
और
पुकार उठना श्वास की लय पर,
प्रेम नाम सत्य है
प्रेम, प्रेम
सुन रहे हो ना,
ऐ ! औघड़ !!!!
मल देना मेरे चेहरे पर,
दिखाई में आती रहे तो बस
उगी हुई आँखें,
उठा लेना कांधों से ऊँचा मुझे,
की
चटका सकूँ दागिल एक ख्वाहिश
और
अटका दूँ तुम्हारे माथे.
सुनो न,
करना कुछ ऐसा
कि,
संस्कार के अंतिम क्षणों में,
बंद लगाना
काले धागे से
पैरों के दोनों अँगूठों में ,
धागे के सिरों को
पकड़
ज़ोर से कसना,
बचा न रह सके
कोई भी रास्ता
कहीं उभरने का ,
चन्दन, फूल , कपूर,
हिय-आस
सब दहका एक साथ देना
और
पुकार उठना श्वास की लय पर,
प्रेम नाम सत्य है
प्रेम, प्रेम
सुन रहे हो ना,
ऐ ! औघड़ !!!!
प्रेम सत्य है ... इसके आगे तो सब कुछ सारी ही सत्य है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण ...