बांसुरी के स्वर से कम्पित लम्हे
सदियों तक जिए जाने की इच्छा लिए हुए बीत गए
तुम रोप जाते हो
एक पौधा उन आँखों में
जिन्होंने कभी कोई रंग नहीं देखा ,
और
इस तरह शुरू होता है
मेरी दुनिया का सबसे बड़ा सच
तुम्हारी दुनिया के सबसे बड़े एक झूठ से
सदियों तक जिए जाने की इच्छा लिए हुए बीत गए
तुम रोप जाते हो
एक पौधा उन आँखों में
जिन्होंने कभी कोई रंग नहीं देखा ,
और
इस तरह शुरू होता है
मेरी दुनिया का सबसे बड़ा सच
तुम्हारी दुनिया के सबसे बड़े एक झूठ से
गागर मेँ सागर॥
ReplyDelete