dosheezaa
Tuesday, 31 December 2013
अपने तारों को बमुश्किल सुर में रख ,
पहलु से उठ ,
जाता हुआ साल
बहुत कुछ दे गया
जैसे
...
महबूब ने रख दिए हो नमकीन से
बोसे
होठों पर
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment