dosheezaa
Tuesday, 31 December 2013
मेरे शब्द ,
अब
मुझसे भी कुछ नहीं कहते ,
चुप से खड़े हैं
परछाईयाँ थामे ,
कर दिया है
उनका श्राद्ध ,
प्रेम के मन्त्रों ने
1 comment:
संजय भास्कर
23 September 2014 at 01:00
आपकी इन पंक्तियों को कविता मंच पर साँझा किया गया है
संजय भास्कर
http://kavita-manch.blogspot.in
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आपकी इन पंक्तियों को कविता मंच पर साँझा किया गया है
ReplyDeleteसंजय भास्कर
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