Saturday 19 October 2013

सीढियाँ उतरते समय सहारे के लिए दीवार पे टिकाया हाथ , लगा किसी के काँधे पर रखा गया हो , मुड कर देखा , आश्वस्त हुई , दीवार ही थी थोड़ी गोलाई लिए हुए , एक ख्याल पास से गुज़र गया नमी संभाले हुए , कौन देता है कंधा उतरते हुए को हाथ रखने के लिए .

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